कुछ साल पहले जब सुप्रिया ने इस आंत्रप्रेन्यर जगत में कदम रखा था तब हालात ऐसे नहीं थे। लोगों के असहयोग की प्रवित्ति और कठोर नीतियों के वजह से उन्हें बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन सुप्रिया आशावादी विचारधारा की थी इसलिए इन्होंने तमाम कठिनाइयों के बावजूद अपने लक्ष्य को जिन्दा रखा और अपनी कंपनी बनाई। सुप्रिया ने 2009 में अपनी पहली कंपनी मास्टर-स्ट्रोक्स एडवरटाइजिंग खोली। सुप्रिया के पास फाइन आर्ट्स की डिग्री थी और एक सही दृष्टि, जिसका उपयोग वह कुछ रचनात्मक कार्य में लगाना चाहती थी। सुप्रिया ने अपनी कंपनी खुद के बचत किये 5000 रुपये की छोटी रकम से शुरू की।
सुप्रिया को बैंक से लोन लेने के लिए बहुत सारी तैयारी की जरुरत थी, जैसे संसाधन शुल्क, पर्सनल गारंटी आदि और सुप्रिया के लगन और आशावादी सोच को देखते हुए उनके पिता ने उनका पूरा सहयोग दिया और एक साल कंपनी चलाने के लिए जितनी धनराशि की जरुरत थी उसे पूरा किया लेकिन सुप्रिया के सामने एक शर्त रखी। इस एक साल में या तो अपने बिज़नेस में सफल हो, अगर ऐसा नहीं हुआ तो सब कुछ बंद कर शादी कर ले।
सुप्रिया ने अपने सभी ग्राहकों को अपने नियम और शर्तों पर अच्छे से बात कर बड़े-बड़े टेंडर हासिल किये। वह अपने कर्मचारियों की बहुत मदद करती हैं और उन्हें अपने तरीके से काम करने की भी छूट देती हैं। कंपनी में पूरा घर जैसा माहौल होता है। यही सब वजह है कि इनकी कंपनी ने बहुत जल्द ही वृद्धि की और विकसित हुई।
अपने मजबूत संकल्प, इच्छाशक्ति और लगन के चलते ही उन्होंने जल्द ही गवर्नमेंट और बड़े-बड़े प्राइवेट सेक्टर के ग्राहकों का विश्वास जीत लिया। इनमें आइएनएसए, निब्सकॉम, हिताची, सैमसंग, राठी स्टील बार्स आदि शामिल हैं। इनकी कंपनी के जरिये विज्ञापन, ग्राफ़िक, वेब, डिजाइनिंग, मार्केटिंग, आइडेंटिटी डेवलपमेंट, कॉर्पोरेट प्रेजेंटेशन, पोर्टल डिजाइनिंग, डिजिटल मार्केटिंग ,फोटोशॉप आदि सेवा लोगों को प्रदान की जाती है।
सुप्रिया ने भारी सफलता के बाद इ-कॉमर्स सेक्टर में भी हाथ आजमाने के लिए अपनी एक इ-कॉमर्स कंपनी 2012 में खोली। इनकी कंपनी का विकास लगातार बढ़ने लगा और उत्तर भारत के 14 शहरों में भी इन्होंने बड़ा इन्वेस्टमेंट किया। उनके ई-बिज़नेस की कमाई बढ़कर 50 करोड़ तक हो गई। सुप्रिया अब मूवी प्रोडक्शन और वर्ल्ड ऑफ़ मिडिया में नया कदम बढ़ाने जा रही है। इसके लिए वह इस उद्योग जगत के जाने माने लोगों से मिल रही है। इंतजार है तो केवल एक अच्छे प्रोजेक्ट का।
सुप्रिया के धैर्य और दृढ़ता के बल पर इनके बिज़नेस के साम्राज्य का अभ्युत्थान लोगों के लिए एक उदाहरण है। उनकी विनम्रता, लगन और काम के प्रति उनकी भक्ति ने उन्हें आज इस मुक़ाम पर ला खड़ा कर दिया है कि 2016 में 5000 रुपये से शुरू होकर उनका बिज़नेस 50 करोड़ तक पहुँच गया है वह भी महज साढ़े छह सालों में। सुप्रिया आज उन युवा लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है जो एक सफल बिज़नेस वुमन बनना चाहती हैं और देश के विकास में योगदान देना चाहती हैं।
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