22 साल की उम्र में अपनी पहली कोशिश में UPSC 

भोपाल में जन्मे सचिन के पिता फॉरेस्ट सर्विस से रिटायर अधिकारी हैं और भाई मिलिटरी सेवा में कार्यरत हैं। शुरू से ही उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी स्वास्थ्य को लेकर बहुत जागरूक रही है। जब उन्होंने बॉडी बिल्डिंग को चुना तो उसके लिए उन्हें एक कोच का गाइडेंस मिला जिससे वे परफेक्ट बॉडी बनाने में सफल हुए। वे रोजाना एक्सरसाइज करते हैं और कभी-कभी योगा भी करते हैं। आज उनकी फिटनेस सबों के लिए मिसाल है।

एक्सरसाइज की खूबियों के बारे में सचिन बताते हैं कि व्यायाम करने से स्ट्रेस दूर होता है और माइंड भी फ्रेश रहता है।इस वजह से वह अच्छे से अपनी ड्यूटी कर पाते हैं। अपने बिजी शेडूल से भी वक़्त निकाल कर वह हर रोज़ एक्सरसाइज करते है। इसके साथ ही वह एक अच्छे स्पोर्ट्स पर्सन भी रहे हैं। शुरू से ही उनकी खेलो में रुचि रही हैं। वे 1999 में राष्ट्रीय लेवल पर क्रिकेट खेल चुके हैं औऱ उन्हें 2010 में गोल्ड मेडल भी मिल चुका है। क्रिकेट के अलावा IPS ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने हार्स राइडिंग को अपना शौक बनाया। यही वजह रही कि वर्ष 2010 में हॉर्स राइडिंग के राष्ट्रीय स्तर पर शो जंपिंग में सचिन को गोल्ड मेडल से नवाजा गया।

इन्हीं सब खूबियों के कारण आज वो जहाँ भी जाते हैं, लोगो के आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं। सचिन सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं। उनकी उज्जैन में महाकाल की सवारी के दौरान की तस्वीरों को 30 हज़ार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं।

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