“मन” से नहीं बल्कि “प्रण” से बने पुलिस अफसर
एक निर्धन ग्रामीण मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाले नवनीत की आईपीएस बनने की कहानी बेहद दिलचस्प है। एक इंजीनियरिंग का छात्र आईपीएस बन जाता है, वो भी “मन” से नहीं बल्कि “प्रण” से और इसके पीछे की वजह भी बेहद मार्मिक है।
1996 बैच के आईपीएस अधिकारी नवनीत बताते हैं कि मैं उस वक़्त पुलिस स्टेशन में ही था, जब मेरे किसान पिता के साथ पुलिस स्टेशन में दुर्व्यवहार हुआ था।
वो किसी की शिकायत लेकर पहुंचे थे, जहाँ उनकी फरियाद सुनने के बजाय उन्हें बेइज्जत किया गया। बस इस बात से मैं इतना आहत हुआ, कि मैंने ठान लिया था कि मुझे भी ऐसा ही बनना है। वो नहीं चाहते थे कि जो उनके पिता के साथ हुआ, वो किसी और के भी साथ हो, इसीलिए वे सिस्टम में आकर सिस्टम सुधारना चाहते थे। उसी साल वे सिविल सर्विसेज की परीक्षा में बैठे और उनका चयन भी हो गया। दो साल बाद वे मेरठ के एएसपी बने, जहाँ उन्होंने ऐसे लोगों को न्याय दिलाने के लिए काम किया जिनसे चीजें छीन ली गई थीं।
लड़कियों के लिये वे राहत बनकर आए
वीमेन पावर लाइन की जब शुरुआत हुई, तब लखनऊ समेत यूपी की तमाम लड़कियों को लगने लगा कि अब वे सुरक्षित हैं और 1090 पर बस कॉल भर कर देने से पुलिस उनकी सुरक्षा में घिर जाते। हुआ भी कुछ ऐसा ही, जो महिलाएं पहले डरीं और सहमीं रहती थीं अब वे सशक्त महसूस कर रहीं हैं, सड़कों पर निडरता से चल रही हैं। आंकड़ों के मुताबिक 1090 के तहत अब तक 573 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। और इन सबका श्रेय जाता है नवनीत सिकेरा को, ये वो आईपीएस हैं जिनका नाम सुनते ही बड़े-बड़े गैंगस्टर के पसीने छूटने लगते हैं। अब ऐसा हो भी क्यों न, सिकेरा अब तक 60 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं।
कुख्यात गैंगस्टर को जड़ से खत्म कर दिया
उनकी कामयाबी के किस्सों की बात करें तो कुख्यात गैंगस्टर रमेश कालिया के आतंक को जड़ से खत्म करने वाले नवनीत सिकेरा ही हैं। यही कारण है कि उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाने लगा। लेकिन उस गैंगस्टर को पकड़ना इतना आसान भी नहीं था। इसके लिए नवनीत ने सूझ-बूझ से काम लिया और उनकी अगुवाई में पुलिस बारातियों का वेश बदलकर रमेश कालिया के पास पहुंचे और उसे मौत के घाट उतारा। लोगों के बीच नवनीत ने अपनी ऐसी छवि बना ली थी कि बाहुबलियों और कुख्यात अपराधियों के सताए लोग थाने के बजाय सीधे उनके पास ही पहुंचते थे। उन्हें यकीन था कि सिकेरा उनकी फरियाद जरूर सुनेंगे।
इंजीनियर से बन गए आईपीएस ऑफिसर
नवनीत बताते हैं कि ‘मैं स्कूल में बैक बेंचर हुआ करता था, मुझे आगे बढ़ने की ललक नहीं थी, पर धीरे धीरे मुझे ये समझ आने लगा कि आगे बढ़ने के लिए आपको कोई और प्रेरित नहीं कर सकता, जब तक आप खुद आगे न बढ़ना चाहें। उन्होंने एटा से हाईस्कूल परीक्षा पास की, फिर धीरे-धीरे सेल्फ मोटिवेट होकर इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुट गए। उन्हें उनकी मेहनत का फल मिला और प्रतिष्ठित अभियांत्रिकी संस्थान आईआईटी रुड़की से सफलतापूर्वक पढ़ाई पूरी की।
फिर पिता के साथ पुलिस के एक गलत व्यवहार ने उनकी जिंदगी बदल दी। इंजीनियर बनने का ख़्वाब देखने वाले सिकेरा आईपीएस बन गए। आईपीएस बनने का जुनून उनके अंदर इस कदर बढ़ गया कि अपने पहले प्रयास में ही उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता का परचम लहराया।
नवनीत कहते हैं मेरी कहानी इस बात का प्रमाण है कि ‘मान लो तो हार और ठान लो तो जीत’।
सोशल मीडिया पर भी हैं हीरो
नवनीत सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं और हमेशा कुछ-न-कुछ प्रेरणादायक चीजें शेयर करते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने एक वीडियो शेयर किया, जो बहुत वायरल हो रहा है, इस वीडियो में उन्होंने खुद को यमराज बताया है। इस वीडियो में उन्होंने लड़कियों और महिलाओं को सलाह दी है कि वे डर कर जीवन न जीएं, लाइफ में अगर कोई भी आपके साथ कोई गलत हरकत करता है तो आप कसम खा लीजिए, शपथ दीजिए मुझे कि आप उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वे मनचलों के लिए यमराज हैं और उन्हें कहीं से भी पकड़ कर ला सकते हैं।
आज के परिदृश्य में एक ओर जहाँ लोगों का पुलिस व्यवस्था के प्रति विश्वास थोड़ा कम हुआ है वहीं नवनीत जैसे ईमानदार और सख़्त पुलिस ऑफिसर आमजन के विश्वास को और मजबूत कर रहे हैं और अपनी कर्तव्य परायणता से मिसाल पेश कर रहे हैं।
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