वी.एल.सी.सी एक ऐसी कंपनी है जिससे हर कोई वाकिफ़ है और हो भी क्यों ना। वी.एल.सी.सी लोगों को उनके शरीर और स्वास्थ्य की सुंदरता को सामान रखते हुए संवारता है। वी.एल.सी.सी की कमान जिस सशक्त हाथों में है वो स्वयं महिला सशक्तिकरण की उदाहरण हैं। जी हाँ हम बात कर रहे हैं वी.एल.सी.सी की संस्थापिका पद्मश्री वंदना लूथरा की।
सकारात्मक दिशा, लगन और कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो जो चाहो उसे हासिल करना नामुमकिन नहीं है। वंदना लूथरा इन सभी बातों का साक्षात प्रमाण है। वह महिलाओं में छुपी असीम क्षमताओं का उदाहरण हैं जो रूढ़ियों को तोड़कर सतत आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। वंदना को औद्योगिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्मश्री’ से भी नवाजा गया है। वर्तमान में वी.एल.सी.सी उन कंपनियों में शुमार है, जिन्होंने महिलाओं को रोजगार और रोजगार संबंधी तकनीक मुहैया कराने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ समझौता किया है। जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण क़दम है।
वंदना भी आम महिलाओं की तरह एक गृहिणी हैं लेकिन उन्होंने जो सपना देखा उसे अपनी मेहनत के दम पर पूरा कर दिखाया। समय के साथ कदमताल करते हुए वंदना ने फिटनेस के व्यवसाय में कदम रखने से पहले उस क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का फैसला किया, जिससे फिटनेस की बारीकियों को जाना जा सकें। इसके लिए उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद जर्मनी में न्यूट्रीशन एवं कोस्मेटोलॉजी में उच्च शिक्षा प्राप्त की। बाद में उन्होंने लन्दन, म्यूनिख और पेरिस में ब्यूटी केयर, फिटनेस फ़ूड एंड न्यूट्रीशियन, स्किन केयर में कई स्पेशलाइज्ड कोर्स किये और उसके बाद जब उन्होंने व्यवसाय में कदम रखा तो उस समय कुछ गिनी–चुनी महिलाएं ही उद्यमी के तौर पर मार्केट में दिखाई दी। जिनमें खासतौर पर गैर–व्यावसायिक परिवारों की महिलाएं तो बहुत कम थीं।
उस समय वंदना की जेब में दो हजार रुपए थे, लेकिन सपने बेहिसाब थे। मात्र 2 हजार रुपये की अपनी छोटी सी बचत की रकम से साल 1989 में दिल्ली में वी.एल.सी.सी का श्री गणेश किया गया। उस समय वी.एल.सी.सी भारत का पहला ट्रांस्फोर्मेशन सेंटर था।
कुछ समय बाद वंदना ने बैंक से लोन लिया और एक ऐसे फील्ड में पांव रखा जिसका उन्हें जरा भी अनुभव नहीं था। अगर कुछ था तो केवल अपने सपनों को पूरा करने का जुनून। उस समय वी.एल.सी.सी भारत का पहला ट्रांस्फोर्मेशन सेंटर था। शुरुआत में लोगों का विश्वास जीतना, अपनी पहचान बना पाना, बहुत सारी चुनौतियों का सामना उन्हें करना पड़ा। उस समय लोग ब्यूटीपार्लर से तो वाकिफ़ थे लेकिन ट्रांसफॉर्मेशन सेंटर उनके लिए बिलकुल ही नया था। इसी के साथ लोगों में एक महिला की व्यवसायिक क्षमताओं को लेकर आशंका भी रहती थी।
वंदना बताती हैं कि “कई तरह की कठिनाईयों को पार करने का एक ही तरीका था कि मैं पूरी मेहनत और लगन से काम करूं ताकि लोगों को यह अहसास हो जाए कि मेरे बिजनेस में जान है। जल्द ही, मेरी मेहनत रंग लाई। मुझे मेरे सब्र का फल मिला और उसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
समय ने भी साथ दिया और एक सीरियल शुरू हुआ ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’, उसकी मेन लीड यानी जस्सी अपने लुक्स के कारण बहुत ही फेमस हुई थी। सीरियल में कुछ समय बाद उसका मेकओवर किया जाता है और वो बाद में साधारण से बहुत ही ग्लैमरस बन जाती है। हर दिन उसका रूप निखरता रहता है और फाइनल तक वह एक बहुत ही खबसूरत मॉर्डन लड़की बन जाती है। उस सीरियल के दौरान वी.एल.सी.सी ने पहली बार यह मेकओवर टीवी पर किया था, जो बाद में लोगों के बीच इतना लोकप्रिय हुआ कि महिलाओं ने अपने रूटीन लुक को बदलने के लिए घर से बाहर कदम बढ़ाने शुरू कर दिए।
वंदना और वी.एल.सी.सी के लिए यह मेकओवर एक टर्निंग पॉइंट था। वही से उन्होंने अनुभव किया कि किस तरह लड़कियां और महिलाएं खुद को एक नए रूप में बदलने के लिए तैयार हैं। जबकि पहले वे अपने सामान्य लुक्स को लेकर केवल परेशान भी रहती थीं। ट्रांसफॉर्मेशन उनके लिए एक नयी और कारगर चीज साबित हुई। साथ ही महिलाओं के आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई।
आज 25 वर्षो से लगातार वी.एल.सी.सी तरक़्क़ी के पथ पर अग्रसर है। केवल इतना ही नहीं वर्तमान में वी.एल.सी.सी एशिया की सबसे बड़ी वेलनेस कंपनियों में शुमार हो गयी है। साथ ही भारत के वेलनेस सेक्टर को भी एक नया स्वरूप प्रदान किया है। आज वी.एल.सी.सी की सफलता का सारा श्रेय यदि किसी को जाता है तो वो नाम है वन्दना लूथरा, जिन्होंने उस दौर में सपने देखे एक उद्यमी बनने के और उन्हें सच कर दिखाया। आज वंदना के प्रयासों के फलस्वरूप कंपनी के सेंटर 16 देशों के 121 शहरों में 300 से अधिक स्थानों पर स्थापित हैं। इसी के साथ वी.एल.सी.सी अपने स्तर पर महिला सशक्तिकरण के लिए भी योगदान दे रही है। कंपनी का एंटरप्रेन्यारशिप फॉर वुमेन प्रोग्राम के तहत महिलाओं में उद्यम को बढ़ावा देकर उचित अवसर उपलब्ध करवाएं जाते हैं।
वर्तमान में देश में कंपनी के 10 में से 7 विभागों के प्रमुख पद पर महिलाओं का होना कंपनी में महिलाओं के वर्चस्व को सिद्ध करता है। इतना ही नहीं 13 देशों में 300 से ज्यादा सभी रिटेल आउटलेट की लीड मैनेजर के पद पर महिलाएं ही काबिज़ हैं। सफलता के शिखर पर पहुँच कर एक सामान्य महिला से आज प्रसिद्ध महिला उद्यमी बनने के बाद वंदना लूथरा का मानना है कि किस्मत के योगदान के साथ–साथ कर्म के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
जीत का फार्मूला भी हो और हार की परख भी होनी चाहिए। भले ही खूबसूरती देना भगवान की देन है, लेकिन उसे बरकरार रखना इंसान की नैतिक जिम्मेदारी है।
अपनी मेहनत और क़ाबिलियत के दम पर वंदना आज ब्यूटी और फिटनेस के क्षेत्र में लोकप्रिय नाम है। उनकी कंपनी वी.एल.सी.सी ने आज लोगों के बीच साख बनाकर भारत में अपनी विशेष पहचान बनाई है। महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का एक सजीव उदाहरण है वंदना।
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